Friday, May 22, 2009

एनिमेशन मे शानदार करियर

मल्टीमीडिया के महारथीन्यूयार्क की सडकों पर मुंह से आग उगलता गॉडजिला, पृथ्वी पर घूमते दूसरे ग्रह के अजीबोगरीब प्राणी एलियंस, ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों पर रेंगता स्पाइडरमैन, राक्षसों से लडते हनुमान व गणेश और बच्चों को लुभाता जंबो! ये सभी पात्र और इनके कारनामे एनिमेशन और मल्टीमीडिया तकनीक की बदौलत ही स्क्रीन पर उभर सके। यही कारण है कि एनिमेशन और मल्टीमीडिया का प्रभाव सिर्फ सिनेमा में ही नहीं, बल्कि एडवरटाइजिंग, टीवी मीडिया, एजुकेशन, गेम आदि क्षेत्रों में भी असर डाल रहा है। गेको एनिमेशन के परेश मेहता कहते हैं कि आज भारत में ही नहीं, विदेश में भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं दिख रही हैं।मल्टीमीडिया और एनिमेशनटेक्स्ट, एनिमेशन, ग्राफिक्स, साउंड, वीडियो आदि का मिलाजुला रूप है-मल्टीमीडिया। दूसरे शब्दों में, ऑडियो-वीडियो मैटेरियल को खूबसूरती से पेश करना ही मल्टीमीडिया का काम है। इससे जुडा है एनिमेशन, जिसमें डिजाइन, ड्राइंग, ले-आउट और फोटोग्राफी को खूबसूरती से एक सूत्र में पिरोया जाता है।किस तरह के हैं कोर्सबैचलर्स इन मल्टीमीडियाबैचलर इन एनिमेशन बैचलर इन डिजिटिल मीडियाबैचलर इन गेम्स एंड इंट्रैक्टिव मीडिया डिजाइनबैचलर इन ग्राफिक डिजाइनबैचलर इन विजुअल कम्युनिकेशनडिप्लोमा इन मल्टीमीडिया ऐंड एनिमेशन क्या है योग्यतामल्टीमीडिया और एनिमेशन में बैचलर डिग्री और डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स हैं, जिनमें दाखिला के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास होना जरूरी है। इस कोर्स में पीजी प्रोग्राम में दाखिला के लिए किसी भी संकाय में बैचलर डिग्री आवश्यक है।आवश्यक गुणइस क्षेत्र में महारत हासिल करने के लिए भरपूर क्रिएटिवीटी और इमेजिनेशन क्षमता जरूरी है। इसके अतिरिक्त, कम्प्यूटर की जानकारी, अच्छी पर्सनैल्टि, फ्लेक्सिवीलिटी, मैथेमेटिकल ऐंड एनालिटिकल स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल, दूसरों के साथ काम करने की क्षमता, कलात्मक अभिरुचि भी जरूरी है।संभावनाएंभारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट बाजार पूरी दुनिया में अग्रणी है। दिल्ली स्थित प्रान्स मीडिया के निखिल प्राण का कहना है कि यहां प्रत्येक साल बनने वाली फिल्मों की संख्या अन्य देशों की अपेक्षा कहीं अधिक है, जो कि सालाना 20 फीसदी की दर से विकास कर रहा है। फिलहाल एनिमेटेड फिल्मों के अतिरिक्त वीडियो गेम का भी बाजार उछाल पर है। एनिमेशन विशेषज्ञ प्रदीप्तो भट्टाचार्य ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया, इन दिनों भारतीय एनिमेशन इंडस्ट्री ट्रेंड प्रोफेशनलों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। आगामी वर्षो में 2 लाख मल्टीमीडिया प्रोफेशनलों की जरूरत होगी। एक अनुमान के मुताबिक, ग्लोबल एनिमेशन इंडस्ट्री इस वर्ष 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, जिसमें भारतीय भागीदारी करीब 95 करोड अमेरिकी डॉलर होने की आशा है। वर्ष 2005-2009 में एनिमेशन इंडस्ट्री का विकास 37 फीसदी सालाना की दर से हो रहा है। मल्टीमीडिया व एनिमेशन के अन्य क्षेत्र जैसे कि वीडियो गेम्स का बाजार इस वर्ष 300 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।संस्थानआईआईटी गुवाहाटीwww.iitg.ernet.inआईआईटी मुंबईwww.iitb.ac.inजागरण इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कम्युनिकेशन, नोएडाwww.jimmc.in एरिना एनिमेशन एकेडमीwww.arenamultimedia. comइंटिग्रेटेड मैनेजमेंट कॉलेज, नई दिल्लीwww.imc.edu.inमाया एकेडमी ऑफ एडवांस सिनेमेटिक्स, हैदराबाद, मुंबई, नई दिल्लीwww.reachouthyd.comप्रान्स मीडिया, नई दिल्लीwww.pran.inगेको एनिमेशन स्टुडियो नई दिल्लीwww.geckoindia.inएएफए एनिमेशन एंड फाईन आटर्स एकेडमी, कोयम्बटूरwww.afaanimationindia.comसुमन कुमार झानहीं है मंदी का असरमल्टीमीडिया और एनिमेशन के क्षेत्र में अभी भी मंदी का अधिक असर नहीं देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में क्या हैं स्कोप, इस पर विजय झा ने बात की जेआईएमएमसी के डायरेक्टर जे.आर. शरण से। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश ..अनेक विकल्प होने के बावजूद मल्टीमीडिया व एनिमेशन कोर्स को ही क्यों चुनें?आजकल करियर के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध रहने के बावजूद एनिमेशन और मल्टीमीडिया कोर्स काफी पॉपूलर है। इसका कारण यह है कि मंदी से जहां एक ओर हर सेक्टर किसी न किसी रूप से प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सेक्टर बहुत अधिक प्रभावित नहीं हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, अभी भी भारतीय गेमिंग सेक्टर इस वर्ष लगभग 37 प्रतिशत की दर से ग्रो कर रहा है। इसके अतिरिक्त इसमें रोजगार के कई विकल्प भी मौजूद हैं।आ‌र्ट्स स्टूडेंट्स के लिए इसमें किस तरह के अवसर हैं?यह क्षेत्र सभी स्टूडेंट्स के लिए समान अवसर मुहैया कराता है। इसमें सफल होने के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास मैथमेटिकल ज्ञान हो। यदि आप मेहनती और क्रिएटिव हैं और हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए सबसे बेहतर है।इस कोर्स को करने के बाद कहां-कहां रोजगार मिल सकते हैं?एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, वीडियो गेम कंपनी, एडवरटाइजिंग फर्म, कम्प्यूटर कंपनी आदि में रोजगार के कई विकल्प मौजूद हैं। ट्रेंड प्रोफेशनल अपने करियर की शुरुआत ऐड इंडस्ट्री से भी कर सकते हैं। इसके अलावा, टेक्सचर आर्टिस्ट, 3-डी मॉडलर्स, एनिमेटर्स आदि के रूप में अपना करियर संवार सकते हैं। इस क्षेत्र में स्वरोजगार की भी काफी संभावनाएं हैं।संस्थान के चयन में किस तरह की सावधानी जरूरी है?संस्थान का चयन करते समय सबसे पहले संस्थान का इंफ्रास्ट्रक्चर देखें। इसके अतिरिक्त संस्थान के प्लेसमेंट रिकॉर्ड और वहां के फैकल्टी मेंबर के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करें। यदि कोई संस्थान अधिक फीस लेने के बावजूद बेहतर सुविधा दे रहा है, तो उसे ही वरीयता दें।इस कोर्स को करने के बाद शुरुआती ट्रेंड प्रोफेशनलों को कितनी सैलॅरी मिल जाती है?यह काफी हद तक संस्थान और स्टूडेंट पर निर्भर करता है। कहने का आशय यह है कि यदि आपने अच्छे इंस्टीट्यूट्स से पास किया है, तो आपको अच्छी सैलॅरी मिल सकती है। इस क्षेत्र के ट्रेंड प्रोफेशनलों को शुरुआती दिनो में दस से बारह हजार रुपये तो मिलते ही जाते हैं। अनुभव के बाद उनमें बढोत्तरी होती रहती है।इस क्षेत्र में आनेवाले स्टूडेंट्स को क्या सलाह देंगे?कोर्स चुनने से पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आप ग्राफिक डिजाइनर, कला निर्देशक, एनिमेटर, मल्टीमीडिया डिजाइनर में से क्या बनना चाहते हैं! जिस क्षेत्र का चुनाव करें, उसमें अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करें। कहने का आशय यह है कि कोर्स करने के दौरान अपनी रुचि के अनुरूप किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने की कोशिश करेंगे, तो हमेशा फायदे में रहेंगे।जेआईएमएमसी के डायरेक्टर जे.आर.शरण से विजय झा की बातचीत पर आधारितखूब संभावनाएं मल्टीमीडिया मेंप्रतिभाओं के मामले में धनी होने के कारण भारत में मल्टीमीडिया और एनिमेशन के विकास की काफी संभावनाएं हैं। मल्टी मीडिया टूल्स का विस्तार बहुत बडे क्षेत्रों में है। इसमें एंटरटेनमेंट से लेकर एजुकेशनल टयूटर तक शामिल हैं। अपने मजबूत आईटी सर्विसेज के लिए विख्यात भारत दुनिया भर की गेमिंग कंपनियों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। कुछ वर्ष पहले तक भारत में कार्टून फिल्में विदेशों से बनकर आती थीं, लेकिन देश में मगर देश में ट्रेंड लोगों की बढती संख्या के कारण अब देश में ही इनका निर्माण बहुत तेजी से हो रहा है। इस तरह की फिल्मों में 2डी और 3डी एनिमेशन तथा साउंड इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप में क्रिएटिविटी है, तो इस फील्ड में आगे बढने की अनंत संभावनाएं हैं। इसके अलावा, लगातार बढते चैनलों और उनके लिए बनाए जाने वाले प्रोग्राम्स की भारीडिमांड को देखते हुए इस क्षेत्र में डिजाइनर, कैमरामैन, साउंड रिकॉर्डिस्ट, कंपोजिटर, गेम्स डिजाइन स्पेशलिस्ट, एनिमेटर आदि में खूब संभावनाएं हैं।

1 comment:

  1. mujhe bahut achcha laga yah lekhan padakar. mai animation course karana chahta hon. please isake bare me detail se mujhe jankari pradan karen. mera e-mail - "antrampatel@gmail.com" and mo.9685006605,9406429515

    ReplyDelete